2 साल में मोदी सरकार ने दी 2.53 लाख नौकरियां

 

2 साल में मोदी सरकार ने दी 2.53 लाख नौकरियां

केंद्रीय बजट में 70 लाख नई नौकरियां सृजित करने के लक्ष्य के बीच बजट में नौकरियां बढ़ने के आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं. केंद्रीय बजट 2018-19 का अध्ययन करने से यह पता चला है कि पिछले 2 वर्षों में केंद्र सरकार में तकरीबन 2.53 लाख नौकरियां पैदा हुईं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को संसद में बजट पेश किया था और इसके दस्तावेजों के मुताबिक, एक मार्च 2018 तक केंद्र सरकार का अनुमानित कार्य बल 35.05 लाख होगा.

यह मार्च 2016 में 32.52 लाख की संख्या से 2.53 लाख अधिक है. वर्ष 2016 और 2017 के बीच केंद्र सरकार के विभागों में करीब 2.27 लाख नौकरियां पैदा हुई. बजट के दस्तावेजों के मुताबिक, एक मार्च 2017 तक अनुमानित 34.8 लाख लोग केंद्र सरकार के विभागों में काम कर रहे थे.

केंद्र सरकार के तहत आने वाले पुलिस विभागों में एक मार्च 2016 तक कर्मचारियों की संख्या 10,24,374 थी. दस्तावेजों के मुताबिक, मार्च 2018 तक विदेश मंत्रालय में अनुमानित 1,196 कर्मचारियों की वृद्धि होगी. इसी तरह केंद्र सरकार के अन्य विभागों में भी इस साल मार्च तक कर्मचारियों की संख्या बढ़ने का अनुमान है.

रोजगार सृजन की चुनौती

मोदी सरकार लगातार रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर रहती है. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल रोजगार देने के वादे को पूरा न करने के लिए केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी पर निशानी साधती आई है. सरकार ने इस बार के बजट में भी रोजगार में इजाफा करने के लिए अन्य कदम उठाने की योजना बनाई है. इस बजट के माध्यम से सरकार की ओर से स्कॉलरशिप देने का वादा किया गया है, जिससे मेधावी छात्र बिना पैसे के पढ़ाई कर सकेंगे.

बजट में हुए ये एलान

सरकार ने सुनिश्चित किया है कि रोजगार के कई अवसर पैदा किए जाएंगे. साथ ही सरकार ने 3 लाख करोड़ लोगों को मुद्रा योजना का लक्ष्य रखा है, जिससे कई बेरोजगार अपना व्यापार शुरू कर सकेंगे. बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि हर जिले में स्किल सेंटर खोले जाएंगे.

बजट में ये भी कहा गया है कि नई नौकरियों में 12 फीसदी EPF सरकार की ओर से दिया जाएगा. सरकार ने मुद्रा योजना के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया है. शिक्षकों के लिए B.Ed. प्रोग्राम को नया कलेवर देने का भी लक्ष्य इस बजट में रखा गया है.

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