जीवन की अनबूझ पहेली == Bhupinder Kaur
Jul 1, 2018, 08:34 IST
कुछ अनकहे शब्दों की वेदना,
बुझती आँखों से उठते
मूक प्रश्नों से
नावाकिफ तो नहीं
मगर –
उन प्रश्नों के उत्तर
नहीं हैं पास मेरे ,
पल प्रतिपल
घटता सा जीवन
किसी अनंत वियोग को सोच
सिहर उठता सा मन
स्वीकार नहीं कर पाता ,
जीवन की अनबूझ पहेली को
भूपिंदर सचदेवा