*****ग़ज़ल*****====Uma Shankar

 

 *****ग़ज़ल*****====Uma Shankar

 *****ग़ज़ल*****

जिंदगी में बहुत खुमारी है।
इश्क़ बिन अंजुमन कुँवारी है।

आज की रात बेरहम हमने,
आप के बिन सनम गुजारी है।

राह देखी बहुत सनम तेरी।
आह सावन विरह कटारी है।

देख लेता अगर नज़र भर के।
जान लेता कि बेकरारी है।

डूब जाती उन्ही निगाहों में,
प्यार में जो नज़र सँवारी है।

इस कदर इश्क़ हो गया उनसे।
प्यार ही बन गया भिखारी है।

जान लेले “नमन” न यह मेंरी।
इश्क़ तलवार ही दुधारी है।

उमा शंकर बाजपेयी “नमन”

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