तेरी मौजूदगी —Abha Anuranjita
Aug 21, 2018, 07:16 IST
तेरी मौजूदगी —
तेरी यादों के जंगल से गुजरती है ,
हर रोज मुहब्बत मेरी ।
जिस्म ल जाता है मेरी वफ़ा का ,
फिर लौट आती है………….
हारी हुई ज़िन्दगी मुर्दानी खलाओं में ।
और तब शुरू होता है,
एक सिलसिला…………….
टिसते नसुरों का सरबसर ।
आदत -सी हो गई है ………….
जिसकी बेक़दर हमें ।
जिस रोज नहीं होता ऐसा ,
बेचैन हो उठता है दिल ,
क्योंकि तुम्हें…………….
इन्हीं अहसासों में कायम पाती हूँ ,
इसी शक्ल में महसूसती हूँ .
तेरी मौजूदगी …….।
………………..Abha Anuranjita