छुयें चाँद-सूरज बढें बेटियाँ-==नीलम त्रिपाठी

 

छुयें चाँद-सूरज बढें बेटियाँ-==नीलम त्रिपाठी

गजल
जमाना अभी खूबसूरत करें।
मिटायें गिले दूर नफरत करें।।१।।
बढ़े हौसला बेटियों का सदा-
जमाना न उसकी खिलाफत करे।।२।।
गगन में उडें चाँद को चूम लें-
सदा ही वतन से मुहब्बत करें।।३।।
छुयें चाँद-सूरज बढें बेटियाँ-
सुमन सी वतन की हिफाजत करें।।४।।
गमों को छुपायें बने कल्पना –
चलें चावला की अकीदत करें।।५।।
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नीलम त्रिपाठी , हमीरपुर(उ.प्र)

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