अपनी लोकसंस्कृति एवं लोक परंपराओं से जुड़े रहेंः माता मंगला

 

अपनी लोकसंस्कृति एवं लोक परंपराओं से जुड़े रहेंः माता मंगला

देहरादून। हम दुनिया में कहीं भी रहें, हमें अपनी लोक संस्कृति, अपनी लोक परंपराओं और अपनी विरासत को हमेशा अपने साथ रखना चाहिए। क्योंकि यह हमारे वजूद का हिस्सा है। हमें इस विरासत को दुनिया के हर कोने में रहते हुए भी अपने साथ रखना है। यह हम सब का संकल्प होना चाहिए। उक्त विचार हंस फाउंडेशन एवं हंस कल्चर सेंटर की प्रेरणास्रोत समाजसेवी माताश्री मंगला ने दुबई में यूएई उत्तराखंड एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित कौथिग 2018 में व्यक्त किए। उत्तराखण्ड की लोक विरासत को दुबई में संजोने के लिए प्रतिबद्ध व्यवसायी एवं समाज सेवी चांद मौला के प्रयत्नों से यूएई में आयोजित कौथिग 2018 में विशेष तौर पर पहुंचे माताश्री मंगला जी एवं भोले जी महाराज ने यूएई में इस कौथिग के आयोजन के लिए चांद मौला को बधाई देते हुए कहा कि यह हम सब के गर्व की बात है कि हम चांद भाई जी के माध्यम से अपनी लोक संस्कृति को इतनी दूर विदेशी धरती पर भी सुन, देख पा रहे हैं। इसके लिए निश्चित तौर पर यूएई उत्तराखंड एसोसिएशन की पूरी टीम एवं यहां आए हमारे लोक कलाकार बधाई की पात्र हैं। माता मंगला ने इस अवसर पर कहा कि हमें समाज हित की दिशा में भी कार्य करते रहना चाहिए। इस दिशा में हम हंस फाउंडेशन एवं हंस कल्चर के तत्वावधान में देश के 28 राज्यों में सेवाएं दे रहे हैं। हमारा प्रयास है कि हम स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में उन क्षेत्रों में काम करें, जहां वास्तव में लोगों को सबसे ज्यादा स्वास्थ्य-शिक्षा की सेवाओ की आवश्यकता है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने पौड़ी गढ़वाल के सतपुली में हंस जरनल अस्पताल का निर्माण किया है। जहां अनुभवी चिकित्सकों की देखरेख में प्रतिदिन कई गरीब एवं जरूरतमंद लोगों का निरूशुल्क इलाज हो रहा है। साथ पहाड़ से हो रहे पलायन पर रोक लग रही है। हमारे बच्चों को पहाड़ पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। हम पहाड़ के दूर-दराज के इलाकों जैसे पिथौरागढ़, रामनगर, बद्रीनाथ-केदारनाथ और हिमाचल प्रदेश ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। हम देश के इन दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाने के लिए सेवाएं दे रहे हैं। माताश्री मंगला एवं भोले जी महाराज ने दुबई में आयोजित इस कार्यक्रम में पहुंचे उत्तराखंडी प्रवासियों से आह्वान किया आप सब भी मिलकर पहाड़ के विकास के लिए आगे बढ़ कर उन लोगों के लिए काम करें, जिन्हें वास्तव में मदद की आवश्यकता है। सही मायने में यही सेवा का सफल मार्ग है। दुबई कौथिग के आयोजक एवं व्यवसायी चांद मौला ने दुबई कौथिग में पधारने के लिए समाजसेवी माता मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हम माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज के आशीर्वाद से पिछले कई सालों से दुबई में यूएई उत्तराखंड एसोसिएशन के तत्वावधान में कौथिग का आयोजन कर रहे हैं। हमारे लिए यह सम्मान की बात है कि हमारे साथ समाज हित में कार्य कर रहे समाज सेवी माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी हमारे मंच पर है। जिनके आशीष से हम दुबई की इस धरती पर अपनी लोक संस्कृति को स्थापित कर पाए हैं। हम हंस कल्चर सेंटर के महाप्रबंधक धर्मा राव एवं माताश्री मंगलाजी के नीजि सचिव विकास वर्मा का आभार प्रकट करना चाहेंगे कि आपने हमारी इतनी हौसला अफजाई की और हमारे इस आयोजन में शामिल हुए। हम यूएई उत्तराखंड एसोसिएशन के सभी सहयोगियों का आभार प्रकट करते है। साथ ही हम आभारी हैं अपने लोक संस्कृतिकर्मियों के जिन्होंने हमारे मंच को अपने लोक गीतों एवं लोक वाद्ययंत्रों से गुंजयमान किया। हम आभारी है आप सभी दर्शकों के कि आप सबने हमें इतना प्यार और सम्मान दिया। अपके इस प्यार और सम्मान के साथ ही हम यह आयोजन करने की हिम्मत जुटा पाते है।

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