महका दें इस धरा को = richa joshi

 

महका दें इस धरा को = richa joshi

आओ हम मिलकर,

इन उजालों को पकड़ लें,

किरणों का बना कर धागा,

लगाकर चांदनी का पैबंद,

कतरा कतरा जोड़ कर,

बना लें एक दुशाला इस अविराम,

गतिमान जग के किसी कोने में ,

संभाल कर टांग दे

उसे जब कभी सताने लगें,

ये आते हुए अंधेरे,

तो ओढ़ कर उसे पास बुला लें,

गुनगुनी धूप की उस गर्माहट को ,

और एक बार फिर जीवन की सुगंध से,

महका दें इस धरा को।

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऋचा

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