डॉ0 अशोक पाण्डेय ‘गुलशन’ ने साहित्य के क्षेत्र में जनपद को गौरवान्वित किया

 

डॉ0 अशोक पाण्डेय ‘गुलशन’ ने साहित्य के क्षेत्र में जनपद को गौरवान्वित किया

बहराइच। 20 अगस्त। जनपद के कवि, साहित्यकार एवं आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉ0 अशोक पाण्डेय ‘गुलशन’ ने 41 वर्ष की साहित्य साधना के उपरान्त जनपद के नाम 7 प्रकार के 19 वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया है। डॉ0 गुलशन ने विश्व की सबसे लम्बी ग़ज़ल कहने के लिए 7 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाये हैं। सबसे बड़ी ग़ज़ल के 2 सबसे छोटी ग़ज़ल के 2 यूनिक ग़ज़ल के 1 विश्व रिकॉर्ड बनाये । इसी क्रम में सबसे लम्बा, बड़ा और अद्वितीय गीत लेखन हेतु 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड , एक वर्ष में सबसे ज्यादा सम्मान पाने का 2 तथा साहित्य के क्षेत्र में सबसे ज्यादा (367) सम्मान पाने का 3 रिकॉर्ड बनाकर जनपद को गौरवान्वित किया है । गौरतलब है कि डॉ0 गुलशन की 22 पुस्तकें प्रकाशित हैं तथा इनकी फुटकर रचनायें देश-विदेश से प्रकाशित 1130 प्रकार के अखबारों, पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में प्रकाशित हो चुकी हैं और इन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री प्रदान किये जाने हेतु 8 बार नामित किया गया है।

          ग़ज़ल
दिलों में आग जलती है नहीं,
कहीं आवाज उठती है नहीं।
आज की रात है कहाँ खोयी,
आज की शाम ढलती है नहीं।
दोस्ती मौत तक निभाती है,
दोस्ती यार सस्ती है नहीं।
उमड़ती थी कभी जो याद में,
नदी वह आज बहती है नहीं।
आइये आपसे बातें करें,
जुबां यह बात कहती है नहीं।
छपी थी जो सभी अखबार में,
ग़ज़ल वो आज छपती है नहीं।
आपके साथ जब रहे “गुलशन”,
ज़िन्दगी साथ रहती है नहीं।
  ,,,,,,,,,,,–अशोक “गुलशन”
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