खुद को मजबूर करने लगी हूँ ..==Sunita Mishra‎

 

खुद को मजबूर करने लगी हूँ ..==Sunita Mishra‎

लोंगो का दिल रखते रखते …
आज खुद को खोने लगी हूँ ..
जिंदगी के हसीं पलों से …
खुद को दूर पाने लगी हूँ ..
तुझे फूलों पर चलाऊं इसलिए ..
खुद कांटो पर चलने लगी हूँ ….
दोस्ती की मिसाल ..
बदनाम ना हो जाए ..
इसलिए खुद को घुटने पर..
मजबूर करने लगी हूँ ..
तू हो जा आबाद इसलिए ..
खुद को बरबाद करने लगी हूँ …
……✍सुनीता मिश्रा

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