इनोवा और डीसीएम की भिड़ंत में तीन लोगों की मौत

 

इनोवा और डीसीएम की भिड़ंत में तीन लोगों की मौत

उत्कर्षएक्सप्रेसडॉटकॉम । रुड़की । दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर मंगलवार तड़के इनोवा और डीसीएम की आमने-सामने की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। पुलिस ने वाहन को कटर से काटकर फंसे लोगों को बाहर निकलवाया। डीसीएम का चालक हादसे के बाद फरार हो गया। हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है।  कोतवाली रुड़की के अंतर्गत दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर बेलड़ा एआरटीओ कार्यालय के पास तड़के करीब चार बजे फरीदबाद से हरिद्वार जा रही एक इनोवा कार सामने से आ रहे डीसीएम से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि इनोवा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। दोनों वाहनों की टक्कर की आवाज सुनकर आसपास के लोग तुरंत ही मौके पर पहुंचे। हादसे की जानकारी कोतवाली रुड़की पुलिस को दी गई। पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर इनोवा सवार लोगों को बाहर निकाला।गैस कटर से गाड़ी के अगले भाग को काटकर आगे बैठे लोगों को बाहर निकाला गया। कोतवाली रुड़की प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह ने बताया कि हादसे में धीरज (35) पुत्र महावीर निवासी फरीदाबाद (हरियाणा) सेक्टर-31 स्प्रिंग फिल्ड कालोनी (मूल निवासी ग्राम नागल, थाना-टापल, अलीगढ़), राजेंद्र सिंह(72) पुत्र जसवंत निवासी पल्ला कस्बा, फरीदाबाद, हरियाणा और सतपाल (35) पुत्र मटकराम निवासी पल्ला कस्बा, फरीदाबाद, हरियाणा की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, फरीदाबाद सेहतपुर की हॉस्पिटल कॉलोनी निवासी बीर सिंह (30) पुत्र शिवमंगल और फरीदाबाद के पाल्ला कस्बा (मूल निवासी ग्राम नागल, थाना-टापल, अलीगढ़ उप्र) निवासी ओम प्रकाश उर्फ उपेंद्र (34) पुत्र देवेंद्र गंभीर रुप से घायल हो गए। दोनों घायलों को सिविल अस्पताल के ट्रामा सेंटर लाया गया। डॉक्टरों ने घायलों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। घायलों को इलाज के लिए दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में ले जाया गया है। कोतवाली इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने बताया कि डीसीएम चालक के संबंध में जानकारी नहीं मिल पाई है। हादसे के  सही कारणों का भी पता नहीं चल पाया है। दोनों घायल और मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी गई है। इनोवा सवार पांचों लोग हरिद्वार में गंगा स्नान को आ रहे थे। मृतक धीरज की पाल्ला कस्बा में मोबाइल की दुकान है। सतपाल उसकी दुकान पर ही रहता था।

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