जिन्दगी मे कई उतार-चढ़ाव आते है ==Monica Jain

 

जिन्दगी मे कई उतार-चढ़ाव आते है ==Monica Jain

 

जिन्दगी मे कई उतार-चढ़ाव आते है
सरेआम नही किये जाते
कुछ बता दिये जाते है
कुछ छुपा लिये जाते है
कहानी कुछ और कहती है
दिखती कुछ और
संस्कारों मे पली बढी
कैसे मुँह खोल दे
अपने दिल के दर्द को
कैसे खोल दे
बार बार आज़माइश दी
पर पैमाइश बङती गयी
लोग इसको मैरी कमजोरी
समझने लगे
मैने बहुत चाह….
की आज चुप्पी तोङ दू
जो हुआ वो बोल दू
सच क्या है वो कह दूँ
सालो की चुप्पी तोङ दू
बहुत….चाहा …..बहुत
कि कह ही देती हूँ
…….नही कह पाई….
,,,,,,,,,,,,,,,,,,मीनू

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