ज़रूरी है==अनिरुद्ध’अनि’

 

ज़रूरी है==अनिरुद्ध’अनि’

(1)
किसी से दिल लगाना हो, बहाना भी ज़रूरी है।
यहाँ फुर्सत कहाँ किसको, जताना भी जरूरी है।
(2)
मुहब्बत का सलीका ये, जगे दोनो तरफ चाहत,
तड़प जागे लहर बनकर, जगाना भी ज़रूरी है।
(3)
रहें शिकवा शिकायत भी,अदाएं हो जरा कातिल,
कभी हाँ हाँ कभी ना ना, सताना भी ज़रूरी है।
(4)
धड़कनें तेज हो जाये, जमानें से रहें गाफिल,
हवाएँ झूम के गाये, दिवाना भी ज़रूरी है।
(5)
लगे जब आग दो तरफ़ा, इसे हीं प्यार कहतें हैं,
निगाहें नूर हों जाये, निशाना भी ज़रूरी हैं।
(6)
फले फूलें जहाँ में दिल, यहीं पैगाम हैं यारों,
बहारें रंग बिखराये, दिखाना भी ज़रूरी हैं।
(7)
यहां रहना किसे बोलो, पराये हम सभी हैं ‘अनि’,
शहर आबाद होजाये, बसाना भी ज़रूरी हैं।
,,,,,,,,,,,,,,अनिरुद्ध’अनि’ ,धनबाद, झारखंड।

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