ग़ज़ल - मधु शुक्ला
Aug 27, 2022, 23:06 IST

आपको सुख चाहिए यदि खास,
खोट खुद में खोजिए बिंदास।
बैठ जाये यदि समस्या द्वार,
जाइये शुभचिंतकों के पास।
वास उर में यदि किया संदेह,
बन न पायेगा सखा विश्वास ।
श्रेष्ठता का भाव रख कर आप,
मोल लेंगे व्यर्थ ही संत्रास।
प्रेम अपनापन कमाकर लोग,
जोड़ते अनमोल धन उल्लास।
लेखनी को लीजिए तब हाथ,
हो अगर जन पीर का आभास।
'मधु' कमी सब में न कोई पूर्ण,
क्यों किसी का हम करें उपहास।
--- मधु शुक्ला., सतना , मध्यप्रदेश