अहसास - ज्योति श्रीवास्तव

 
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आपकी  इनायत  हो रूह  से  मुहोब्बत है, 
प्यार से लिखी दिल पर आपकी इबारत है। 

हर्फ-हर्फ दिल के अहसास को पिरोया यूं, 
लफ्ज़ लफ्ज़  मिश्री तो शे'र-शे'र शर्बत है। 

मां पिता के चरणों में जिंदगी संवर जाती, 
छांव मिले ममता की ये रब की इनायत है।

मुश्किलों भरी है राहे साथ तुम ज़रा देना,
हौसला बनो बिटियाँ के इसको जरूरत है।

दूर  वो  नहीं  मुझसे  हर  घड़ी  करीब जैसे, 
आ रही महक उनकी अब नहीं मसाफ़त  है। 
- ज्योति अरुण श्रीवास्तव,  नोएडा, उत्तर प्रदेश  
 

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