गीतिका - मधु शुक्ला
Oct 27, 2023, 23:05 IST

राष्ट्र प्रेम का प्याला पीकर, लेखन जो करते हैं,
ओजस्वी भाषा के द्वारा, वीरों को रचते हैं।
वतन प्रेम की गगरी में जब, कविता रस भरता है,
दुश्मन मर्दन का सैनिक तब, मधुर स्वाद चखते हैं।
न्याय हेतु आवाज उठाना, क्राति बीज को बोना,
काम रहा साहित्य जगत का, शब्द ओज रखते हैं।
देश प्रेम की ज्योति जलाना, दिनकर को अति प्रिय था,
उनकी कविता के प्रेमी सब, बात यही कहते हैं।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश