गीतिका - मधु शुक्ला
Mar 6, 2025, 23:14 IST

लोग दुख को क्यों छुपाते हैं,
प्रीति गम से क्यों निभाते हैं।
मित्रता पहचान हो जाती,
गम कभी जब पास आते हैं।
सुख हरे संबंध रखता पर,
गम हृदय को शुचि बनाते हैं।
सीख जो ठोकर हमें देती,
हम उसी से मुस्कुराते हैं।
बाँटकर दुख जो खुशी मिलती,
लोग उसको कम बताते हैं।
- मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश