ग़ज़ल - रीता गुलाटी

 
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माँगेंगे दुआ रब से  हो गुल़ज़ार नया हाल।
हो चैन अमन जग मे रहें प्यार नया साल।

जीवन को जिये,सरल बने,खुश रहे हम,
उम्मीद करो हो ये वफादार नया साल।

माने तेरी हर बात को न  शिकवा रहे बाकी,
खुशियाँ ही हो खुशियाँ जो मना यार नया साल।

सोचा है जो मन मे करे उसको सदा पूरा,
कहना नही,आया है ये बेकार नया हाल।

लब्बो-लुआब रहा साल पुराना जिसे भूले,
विश्वास रखे दिल मे हो झंकार नया साल।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़
 

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