ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Mar 4, 2025, 23:38 IST

किया था प्यार ये दिल,तुम पे आज आया है,
न मिलने को वो करे यार अब बहाना है।
भरी रहे खुशी से जिंदगी सदा तेरी,
तमाम उम्र हमें आज साथ रहना है।
कहां मिला है सुकूँ आज जग मे जीने को,
कहे शजर मिले नेकी,वो दर्द पाया है।
उलझ रही थी मैं दुनिया के मोह माया में,
नही मिला मुझे ऐसा जो अब हँसाता है।
बयाँ करे है वो दिल की उदास सा होकर,
लगी है दिल पे भी ठोकर उसे तो रोना है।
- रीता गुलाटी. ऋतंभरा, चंडीगढ़