होली (छंद) -- जसवीर सिंह हलधर
Mar 12, 2025, 23:03 IST

ईंख आलू में उमंग,पीली सरसों के संग ,
गेहूं जौ दिखें मलंग, बालियों में दाना है ।
बागों में है अमराई , टेसू लेवे अंगड़ाई,
गेंदे पे जवानी आई,मौसम सुहाना है ।।
खूब करो गाल लाल ,उठेगा नहीं सवाल ,
जैविक रखो गुलाल , त्वचा को बचाना है ।
रोक नहीं इस बार , केजरी की हुई हार ,
पैग यार पिला चार,चले न बहाना है ।।
- जसवीर सिंह हलधर, देहरादून