निज नैतिकता में वृद्धि हो - हरि राम
Nov 1, 2023, 21:51 IST

सकल चराचर हो सुखमयी,
सबके जीवन में हो समृद्धि।
दैहिक दैविक ताप न हो,
मिले सबको भौतिक वृद्धि।
निज नैतिकता में वृद्धि हो,
होंगे कम समाज में अपराध।
पर उपदेश से पहले मित्रों,
खुद में परिवर्तन करें अबाध।
निज उन्नति के मूल में हो,
हरी परि श्रम के बीज खाद।
झार झपट के नीर समीर से,
उगा पेड़ भी हो जाता बर्बाद।।
- हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश
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