जो उतरा दिल से, तो फिर उतर ही गया - सुनील गुप्ता
Dec 20, 2024, 22:22 IST
( 1 ) जो उतरा
दिल से तो....,
फिर, उतर ही गया !
फिर वो,
चाहे बन जाए
फ़लक का चांद भी ....,
पर, हमें अब कुबूल नहीं !!
( 2 ) जो ठहरा
मन में हमारे....,
फिर, मीत बन गया !
फिर वो,
चाहे हो अंजान
गगन का सितारा कोई ....,
पर, हमें है मंज़ूर वही !!
( 3 ) जो गहरा
रूह तक पहुँचे....,
फिर, आत्मसात हो जाए !
फिर वो,
चाहे अलग होना
तो बड़ा मुश्किल है ....,
ज़ुदा करना, उसे यहाँ हमसे !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान