कविता -- जसवीर सिंह हलधर

जीवन के संग मौत बहाना ,किसका है ये ताना बाना ?
प्रश्न उठा है कवि के मन में ,पता लगे तो मुझे बताना ।।
फूलों को किसने महकाया , चिड़ियों को किसने चहकाया।
किसने अश्क आँख में पाले,किसने यह संसार बसाया ।
कौन दवाकर भाग गया है ,धरती भीतर धातु खजाना ?
प्रश्न उठा है कवि के मन में ,पता लगे तो मुझे बताना ।।1
कौन कंठ में स्वर धुनता है ,कान ध्वनि कैसे सुनता है ।
कौन कीट की लार जमाकर ,रेशम का धागा बुनता है ।
कौन दूध बाली में भरता,कैसे पका अन्न का दाना ?
प्रश्न उठा है कवि के मन में,पता लगे तो मुझे बताना ।।2
क्यों जगते हम क्यों सोते हैं ,स्वप्न कहाँ पैदा होते हैं ।
जीना मरना नीति पुरातन ,मरने पर फिर क्यों रोते है ।
दोनों ही सिक्के के पहलू ,मरने पर क्यों शोक मनाना ?
प्रश्न उठा है कवि के मन में ,पता लगे तो मुझे बताना ।।3
कौन शीत की लहर चलाता ,कौन बर्फ की परत जमाता ।
कौन रेत लाया मरुथल में ,गर्म हवाएं कौन उड़ाता ।
कौन सिंधु में नमक मिलाये ,कौन सिखाये भाप बनाना ?
प्रश्न उठा है कवि के मन में ,पता लगे तो मुझे बताना ।।4
किसने नीर भरा सागर में ,ग्रह नक्षत्र भरे अंबर में ।
शीतलता चंदा में किसने ,किसने आग भरी दिनकर में ।
किसने तारों को सिखलाया ,बार बार दिखना छुप जाना ?
प्रश्न उठा है कवि के मन में ,पता लगे तो मुझे बताना ।।5
--जसवीर सिंह हलधर , देहरादून