प्रेमिका की तलाश - रोहित आनंद
Dec 9, 2024, 20:32 IST
देखते देखते मैं चला,
देखता ही रह गया।
प्रेमिका की तलाश में,
दिल बेचैन रह गया।
मैंने पढ़ी शायरियां की,
हर एक पंक्तियों को।
दोस्ती की तलाश में,
मैं भटकता रह गया।
मैंने देखे हर एक शब्द को,
और हर एक वाक्य को।
प्रेमिका की तलाश में,
दिल बेचैन रह गया।
अब मैं इंतजार कर रहा,
हूं अपनी प्रियतम का।
ताकि मैं जान सकूं कि,
आगे क्या होने वाला है।
- रोहित आनंद, बांका, डी. मेहरपुर, बिहार