माँ - सुनील गुप्ता
Dec 29, 2024, 22:44 IST
( 1 ) मेरी
माँ की स्मृतियाँ,
सदैव खिलाती, चलें मन बगिया !!
( 2 ) मेरी
माँ की लोरियाँ,
जगाए चलें, तन-मन कलियाँ !!
( 3 ) मेरी
माँ की कहानियाँ,
याद कर, भर आएं अँखियाँ !!
( 4 ) मेरी
माँ की खूबियाँ,
याद कर रोयें, सभी सखियाँ !!
( 5 ) मेरी
माँ की बिंदिया,
थी मुखड़े, शुभानन की खुशियाँ !!
( 6 ) मेरी
माँ की बोलियाँ,
सुन, झूम उठे मन बगिया !!
( 7 ) मेरी
माँ की चूड़ियाँ,
रचाए चलें, प्रेम श्रृंगार की दुनिया !!
( 8 ) मेरी
माँ की खुशियाँ,
थी मेरी सच्ची, दौलत दुनिया !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान