दर्द जवाँ होता है - अनिरुद्ध कुमार
Jan 15, 2025, 22:49 IST

जब-जब दर्द जवाँ होता है,
तब-तब जख्म हरा होता है।
जीना मरना आफत लगता,
हालत देख बयां होता है।
अंधेरों से रिश्ता नाता,
कौन यहाँ अपना होता है।
तड़प-तड़प के चुप रह जाते,
कोई पास कहाँ होता है।
वीरानें में नजरें दौड़ें,
आँखों में सपना होता है।
ये भी जीना क्या जीना है,
तारें गिन रोना होता है।
बेचैनी अब 'अनि' हीं जानें,
पल-पल रात घना होता है।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह
धनबाद, झारखंड