फागुन - मधु शुक्ला
Sat, 4 Mar 2023

फागुन लाया साथ में, बासंती उत्साह।
शुभ अवसर माहौल लख, होने लगे विवाह।।
दस्तक दी ऋतुराज ने, हर्षा हृदय अपार।
खुले हाथ से मीत पर, लुटा रहा है प्यार।।
शीत काल को मिल गया, है जब से अवकाश।
कम्बल, स्वेटर, शाल सब, रहने लगे उदास।।
होली लाई साथ में , हरे गुलाबी रंग।
फगुआ की चर्चा चली, चंचल हुई उमंग।।
भाई चारा पोषता, है होली त्यौहार।
नभ में उड़े अबीर जब, हर्षित हो संसार।।
— मधु शुक्ला, सतना . मध्यप्रदेश