कविता - मधु शुक्ला
Oct 31, 2023, 23:12 IST

शीतल चंदा की छाया में,
हम पायें द्वेष रहित संसार,
चलो चाँद के पार।
जहाँ चाँदनी करे बसेरा,
उज्जवलता की हो भरमार,
वहाँ चैन मिलेगा हमें अपार।
आपाधापी जीवन की नहीं ,
और न मँहगाई की मार ,
मन ढूँढे ऐसा घर द्वार।
सनम चाँद के पार चलें,
पायें निश्छल प्यार दुलार,
मन आँगन फैले उजियार।
--- मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश