विचार धारा और मानवीय मूल्यों से जुड़ा संवेदनशील कवि हैं सतपाल भीखी : जसप्रीत कौर फलक

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Utkarshexpress.com- सतपाल भीखी पंजाबी काव्य क्षितिज के एक जगमगाते सितारे हैं। उनकी कविताएं विचारधारात्मक प्रौढ़ता से ओत-प्रोत तो हैं ही, साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति भी मज़बूती से प्रतिबद्ध हैं। उनकी कविताओं की सबसे बड़ी शक्ति है - जीवन की गहरी पकड़। यही कारण है कि उनकी कविताएं भाषा और क्षेत्र की परिधि को लांघ कर वैश्विक स्तर तक जा पहुंचती हैं। 'मजदूर' कविता से पता चलता है कि कवि न केवल समाजवाद का सही अर्थ जानता है, बल्कि वह वर्तमान समाजवादियों के पतन से भी भली-भांति परिचित है। यह सत्य कथन इस कविता को उत्कृष्ट कृति बना रहा है। 'फवाद अंदराबी' कविता भी शायर की निडरता की मिसाल है। उग्रवाद के समर्थक  तालिबान चरमपंथ के खिलाफ आवाज उठाना बड़े जीवट की बात है। 'माँ' कविता में प्रयुक्त शतरंज की छवि और माँ के संघर्ष का वर्णन कविता को ख़ास बना रहा है। 'आमद' कविता भी बहुत ही सूक्ष्म भावों को अभिव्यक्त करती है। जीवन की इतनी गहरी पकड़ कविता को उच्च कोटि का बना रही है। 'परिश्रम की लिपि नहीं होती' कविता जीवन और जीवन-मूल्यों के प्रति कवि की ईमानदारी दर्शाती है।
इस उच्च स्तर के कवि को हिंदी के विराट पाठक जगत तक भी पहुँचना चाहिए, इसी उद्देश्य से इन कविताओं को हिंदी में अनूदित करने का प्रयास किया है-
(मूल पंजाबी कविता-- सतपाल भीखी, पटियाला, पंजाब  अनुवाद-- डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक, लुधियाना, पंजाब)

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