गीत - मधु शुक्ला
Oct 7, 2024, 23:15 IST
विश्वास जो न होता , संसार चल न पाता।
मिलते न फिर अपरिचित,परिणय न मुस्कराता।
परिवार की महत्ता , होती न ज्ञात हमको।
साथी न प्राप्त होता, सहयोग हेतु सबको।
ममता, क्षमा, दया सब, विश्वास ही सिखाता .......।
साथी बिना सदन का, अस्तित्व शून्य होता।
सपने मधुर सलोने, कोई नहीं सॅ॑जोता।
होता न यदि भरोसा, मन प्रीति क्यों जताता.......।
भाई, बहन , पिता , मॉ॑, को जन्म संग पाया।
मनमीत से हमारे , उर ने हमें मिलाया।
जीवन सफर सुहाना, विश्वास ही बनाता ..........।
--- मधु शुक्ला . सतना , मध्यप्रदेश