स्वच्छ भारत अभियान - हरी राम

गांधीजी भी स्वर्ग में हंसते होगें,
देख स्वच्छ भारत अभियान ।
जहां देश की एक चौथाई जनता,
फोटो खिंचवाने के लिए परेशान।
फोटो खिंचवाने के लिए परेशान,
शान से हो रही गजब की सफाई।
ऐसी नीयत और नीति देखकर,
आती है खाली हंसी देश में भाई।
किसे बना रहे हो झाड़ू लेकर,
हाथ में प्यारे तुम बेवकूफ।
भाव भंगिमा सब कुछ कह देती,
"हरी" असली नकली के रूप।।
कौन सफाई कितना करता,
यह है दैनिक जीवन की बात ।
जो अपना रास्ता साफ करें न।
वह भी जुटे पहिने वसन झकास।
वह भी जुटे पहिने वसन झकास,
काश "हरी" देश में ऐसा होता।
सफाई वाले की न कोई जरूरत,
न किसी कि गंदी नाली कोई धोता।
क्यों बन रहा है देश हमारा,
हाथी के दिखलावे वाले दांत।
धूल झोंकने में नंबर वन बनकर,
मानव दे रहा गिरगिट को भी मात ।।
- हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश