त्यौहार आया छुट्टियाँ भी आ गयी - रोहित आनंद

 
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छुट्टी का दिन आया है,
अरे छुट्टी का दिन आया है।
मौज मस्तियां आई है,
सब घर की हुई रंगाई है। 

स्कूल की घंटी नहीं बजेगी,
किताबें और पेन अलग रहेगी। 
आज खेलने का दिन आया है,
अरे छुट्टी का दिन आया है। 

हम उठकर खुश हो जायेंगे,
क्योंकि हम स्कूल नहीं जायेंगे। 
अच्छा-अच्छा नाश्ता करेंगे,
अच्छा-अच्छा डांस करेंगे। 

मार्केट जायेंगे छठ घाट छिलेंगे,
दोस्तों के साथ मिल कर धूम मचाएंगे। 
घर आकर आराम से कद्दू-भात खाएंगे,
टीवी देखेंगे और डांस करेंगे/सीखेंगे। 

छुट्टी का दिन आया है,
खुशी का दिन आया है। 
नहीं है कोई टेंशन न ही कोई प्रेसर,
बस मजे करने का दिन आया है। 

छुट्टी का दिन आया है,
अरे छुट्टी का दिन आया है। 
बस मजे करने का दिन आया है,
खुशहाली का दिन आया है। 
-  रोहित आनंद "स्वामी",  डी मेहरपुर,बांका, बिहार
 

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