कौन सुनता है - अनिरुद्ध कुमार
Jan 19, 2025, 23:05 IST

जमाना तंग दिल इतना, पुकारा कौन सुनता है,
तिजारत प्यार में हरदम, हमारा कौन सुनता है।
वफादारी नहीं मुमकिन, अदाकारी लगे तोहफा,
सभी मसगूल अपनों में, दुबारा कौन सुनता है।
बहाना हर घड़ी करतें, कहाँ जायें किसे बोलें,
सयाने लोग हैं माहिर, इशारा कौन सुनता है।
खबर सबको जमानें की, तमाशा रोज दिखलाते,
खुदा जानें हुआ क्या है, हुंकारा कौन सुनता है।
गरज के आब में सारे, सदा बेताब से लगते,
गजब रुआब है इनका, चिकारा कौन सुनता है।
बड़ी बेदर्द दुनिया ये, गुजारा क्या करे कोई,
तरफदारी मगजमारी, तरारा कौन सुनता है
किसे अपना कहे ये दिल, निहारे'अनि' यहाँ बैठें,
लुटा सब प्यार में जाना, तुम्हारा कौन सुनता है।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड