कवि और किन्नर (छंद) - जसवीर सिंह हलधर
Sep 28, 2023, 22:49 IST
किन्नरों की जाति नहीं , बोलता हूं बात सही ,
लिंग भेद से परे हैं, लोग न लुगाई हैं ।
हिंदू या मुसलमान , देते किन्नरों को दान ,
ताली और गाली शुभ, कामना बधाई हैं ।।
मंच के कवि भी यार ,करते सभी से प्यार ,
तालियां दुहाई और , तालियां कमाई हैं ।
मात शारदा के पूत, वाणी के हैं मेघदूत ,
कांग्रेसी नहीं हम , नहीं भाजपाई हैं ।।
- जसवीर सिंह हलधर , देहरादून