105 वर्षीय चंद्रावती देवी ने की भगवान जगन्नाथ जी की आरती

 

Utkarshexpress.com गोरखपुर:: प्रयास एक परिवर्तन का, परिवार के प्रवीण कुमार श्रीवास्तव की परदादी, परिवार की मुखिया 105 वर्षीय चंद्रावती द्वारा अनिता के साथ भगवान जगन्नाथ जी की पूजा ,आरती कर उन्हें भोग लगाया गया। उसके पश्चात महापौर डॉ0 मंगलेश कुमार श्रीवास्तव,अमेरिका के टॉप 10 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में शामिल एक्सपर्ट अविनाश त्रिपाठी,डॉ0 जी एन लाल, दीपा वर्मा, सावित्री दास, सुमन टंडन, सौरभ, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार जसपाल सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ0 सत्येन्द्र सिन्हा, भानु प्रकाश मिश्रा, मार्कण्डेय जी, अंतरराष्ट्रीय गायक राकेश श्रीवास्तव, राजा त्रिपाठी, सुरेन्द्र यादव, डॉ0 अनुज श्रीवास्तव, डॉ0 राजेश गुप्ता, डॉ0 अरुण प्रकाश मल्ल, कनक हरि अग्रवाल,आरजे अनुराग सुमन, दीप्ति अनुराग, प्रफुल्ल नगरकर, कीर्ति नगरकर,श्वेता,यामिनी, नमन,निमिष आदि अनेक लोगों ने आरती कर प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर महापौर डॉ0 मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि भगवान जगन्नाथ जी के रथ यात्रा के पावन अवसर पर पूजा के साथ साथ गरीबों के लिए भी भिन्न भिन्न स्थानों पर, भिन्न भिन्न वर्गो की सहायता, उनको भोजन उपलब्ध कराने का कार्य सराहनीय है, किसी भी प्रकार के सुखद या दुखद आयोजन में भी प्रवीण कुमार श्रीवास्तव गरीबों की यथा संभव मदद करते हैं। अमेरिका से आए अविनाश त्रिपाठी ने 1851 से अब तक भगवान जगन्नाथ जी की पूजा एवं चली आ रही परंपरा को जीवित रखने के लिए एवं अनवरत की जा रही सेवाओं के लिए प्रवीण कुमार की सराहना करते हुए उनको शुभकामना दिया।
प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बताया भगवान जगन्नाथ जी के रथ यात्रा के पावन अवसर पर कुष्ठ रोगियों, मंद बुद्धि बच्चों, मातृ छाया, जिला महिला अस्पताल, उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे दृष्टि बाधित बच्चों में,वृद्ध महिलाओं में न्यूट्रीशियन पैक का वितरण एवं स्टेशन रोड पर, हजरत मुबारक अली शाह दरगाह पर,एवं अन्य स्थानों पर जरूरतमंदो में भोजन वितरण किया गया। इसके अलावा 3 दिन भोजन वितरण किया गया कुल मिलाकर यह 9 सेवा भगवान जगन्नाथ जी को समर्पित रही। सेवाओं में आनन्द, रंजीत, सीमा,अवध गुप्ता, डॉ0 पुनीत,प्रमोद जी, रमाशंकर,के एम श्रीवास्तव, ओ पी वर्मा, अजय, गोलू, अरूण आदि का सहयोग रहा।प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अबतक 7.30 लाख से ज्यादा लोगों का सहयोग किया जा चुका है, ज्यादा से ज्यादा सेवा में ज्यादा संसाधनों की आवश्यकता बताते हुए समाज के सभी संवेदनशील जनों से यथा संभव सहयोग का आग्रह किया है ताकि अन्नपूर्णा मुहिम में खाली पेट न सोये कोई, नर सेवा, नारायण सेवा, अन्न दान, जीवन दान।