एक यादगार सफ़र (चोपता तुङ्गनाथ) - सुनील गुप्ता

 

सफ़र एक 
बना यादगार सफ़र 
कि उसकी याद है दिल में समाए हुए,
और वे अविस्मरणीय पल सदा ही चलें भरते...,
बिखेरें चलें जीवन में स्वप्निल रंग चहुँओर!!1!!!

बरसों बरस 
पहले गए चढ़ते 
ऊपर ऊखीमठ से " चोपता '', होते हुए,
देखा वहाँ सघन हरे-भरे सर्पिले पथ पे चलते.,
दूर हिमगिरी पे एक अनोखा सुहाना मंज़र !!2!!

वहाँ पहुँचे 
फिर करी चढ़ाई 
थे उमंग उत्साह आनंद से भरे हुए,
और पहाड़ी के उतार-चढ़ाव को पार करते.,
देखा अंतमें शिखरपे सुंदर ' तुङ्गनाथ ',मंदिर !!3!!

उत्तुँग शिखर 
पे चलें हवाएं 
जो तन-बदन को तरोताज़ा बनाते हुए,
मानो गा रहीं हों मंद-मंद कोई प्रेमगीत...,
और बनाए चल रही हैं ये खुशहाल सफ़र!!4!!

चोपता तुङ्गनाथ 
है अप्रतिम स्थान 
जहाँ देवाधिदेव श्रीमहादेव हैं धूमि रमाए हुए,
आओ,चलें एक बार करलें अवश्य उनके दर्शन.,
और करते चलें पूर्ण मनोकामनाएं यहाँपर!!5!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान