गजब का रिश्ता - राजेश कुमार

 

गजब का रिश्ता होता है उनसे।
जिनसे कोई रिश्ता नहीं होता है।।
भले ही खून के रिश्ते  होते हैं। 
सगे पर उनमें कोई भी अपना नहीं होता है।।
गजब का बदलाब का दौर आया दोस्तों।
यहां कितना भी किसी के लिए करो।।
पर वक्त पर साथ कोई कोई ही खड़ा होता है।
गजब का रिश्ता होता है उनसे ।।
जिनसे कोई रिश्ता होता है।
स्वार्थ और मतलब के रिश्ते नाते हो गए।।
अब इस दुनिया में अपना वही है।
जो हर मुसीबत में साथ खड़ा होता है।।
अपनेपन और एहसास के वो रिश्ते है।
यारो जो खुनके रिश्तों से बड़ा होता है।।
मुसीबत और विषम परिस्थिति सभी पर।
आती है जीवन के सफर में मित्रो।।
पर कोई वक्त से बड़ा कहा होता है।
गजब का रिश्ता होता है उनसे जिनसे कोई रिश्ता नहीं होता है।।
- राजेश कुमार झा, बिना , मध्यप्रदेश