आजादी को है - अनिरुद्ध कुमार 

 

देख तिरंगा नभ इतराये,
नमन बीर फौलादी को है।

सांस ले रहें खुली हवा में,
श्रेय सदा उनमादी को है।

दिल की बातें बोल रहें हम,
चाहत उस बेताबी को है।

जय माँ भारत का वो नारा,
देशभक्ति आबादी को है।

कंठ कंठ इक सुर में बोले,
हक हमरें बुनियादी को है।

निडर जी रहे भारतवासी,
मान सदा जनवादी को है।

मस्ती में'अनि' सुर मे गायें,
प्रेम गीत आजादी को है।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह
धनबाद, झारखंड