चालाकी जनवादी का - अनिरुद्ध कुमार

 

मतलब क्या आजादी का,
नित चर्चा बुनियादी का। 

सब रटते गाँधी गाँधी,
खेला अवसरवादी का। 

हर तन पे खादी शोभे,
चाल चले उनमादी का। 

परिवारिक ताना-बाना,
कौन सुने फरियादी का। 

नफरत का दाना छींटे, 
जरिया यह बरबादी का। 

सत्ता के लोभी भोगी,
आफत ये आबादी का। 

रोये तड़पे देखे 'अनि',
चालाकी जनवादी का। 
- अनिरुद्ध कुमार सिंह
धनबाद, झारखंड