दोहा - सम्पदा ठाकुर

 

पैसा पैसा मत जपो ,जपो राम का नाम। 
अंत समय में आपके ,आपेगा ये काम।।

इसके कारण हो रहा,  बौना हर सम्बन्ध। 
पैसे  ने जीना  किया, बंधक सा अनुबंध।।

इस कलयुग में है बना, पैसा ही भगवान। 
इसके कारण पा रहा , दुर्जन भी सम्मान।।

हर  कोई करता यहां, पैसे का गुणगान। 
बिन पैसे इस जहां मे, करते सब अपमान।।  

पैसा कलयुग सार है, पैसा ही सरकार।
पैसा ही है "सम्पदा", पैसा ही करतार।।
- सम्पदा ठाकुर, मुंगेर