दोहे - मधु शुक्ला

 

सेवक  सीता  राम  के,  राम   नाम  के दास।
सदा  रहें  संसार  में,  राम  भक्त  के  पास।।

शुचि  मन से श्रद्धा सहित, जो करता अरदास। 
पवन  पुत्र  हनुमान  जी, दूर  करें  हर त्रास।।

स्वामिभक्ति  सेवा  हमें, सिखलाते  हनुमान।
राम सिया छवि हो हृदय, तो मिटता अज्ञान।।

हनुमत सम अभिमान तज, जो जपता श्री राम।
प्राप्त करे वह प्रभु कृपा अजर अमर हो नाम।।
 — मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश