दो नैन - सुनील गुप्ता

 

दो नैन 
चलें बयान करते,
चैन-ओ-सुकून, जीवन का हाल  !!1!!

दो नैन 
ना छिपा सकें, 
दुःख दर्द कष्ट, दिल का मलाल !!2!!

दो नैन 
तड़पते रहें दिनभर 
बनें रहें परेशान, करते उनका ख्याल !!3!!

दो नैन 
ले उड़े नींद 
किसे जाकर बतलाएँ, हाल-ए-दिल !!4!!

दो नैन 
बनें साथी प्यारे
बाँटें दुःख गम, चलें एकसी चाल!!5!!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान