कहानी संग्रह 'अब न नसैहो' की रचियता श्रीमति सरोजनी नौटियाल की पुस्तक परिचर्चा पर कार्यक्रम आयोजित
utkarshexpress.com देहरादून (कविता बिष्ट0 - साहित्यिक पुस्तक चर्चा 16 नवम्बर (शनिवार) देहरादून 'फुलवारी' में इस माह की पुस्तक चर्चा हेतु वरिष्ठ साहित्यकार आ. अनिल रतूड़ी IPS( पूर्व डीजीपी) तथा आ. श्रीमती राधा रतूड़ी IAS (मुख्य सचिव, उत्तराखंड) द्वारा वरिष्ठ लेखिका आ. श्रीमती सरोजिनी नौटियाल कृत कहानी संग्रह 'अब न नसैहो' की पुस्तक परिचर्चा वरिष्ठ विद्वान साहित्यकारों तथा सुधी पाठकों के मध्य लेखकीय संवाद के साथ सार्थक सम्प्पन्न हुई। मुख्य वार्ताकार रहे वरिष्ठ साहित्यकार अनिल रतूड़ी तथा सहयोगी के रूप में आपकी मित्र कविता बिष्ट 'नेह'। कार्यक्रम में सर्वप्रथम आ. श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी साहित्यकारों तथा साहित्यानुरागी प्रबुद्ध जन का स्वागत किया। तत्पश्चात आ. श्री अनिल रतूड़ी जी ने पुस्तक की लेखिका श्रीमती सरोजिनी नौटियाल को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। सहयोगी वार्ताकार श्रीमती कविता बिष्ट 'नेह' का भी पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया। विद्वान साहित्यकारों में डॉ॰ सुधा रानी पांडेय (पूर्व कुलपति), श्रीमती डॉली डबराल, डॉ. राम विनय सिंह, डॉ. ललित मोहन रयाल IAS, डॉ. रुचि रयाल IAS, डॉ॰ इंदु अग्रवाल ,श्री शिव मोहन सिंह, सुश्री अनुराधा जुगरान, डॉ. सुशील उपाध्याय, डॉ. क्षमा कौशिक, शांति प्रकाश जिज्ञासू, डॉ. किरण सूद जी एवं नगर के प्रबुद्धजन उपस्थित रहे। फुलवारी की यह साहित्यिक परिचर्चा सदैव की भांति अत्यंत प्रभावी, प्रेरणाप्रद और गौरवशाली रही। आदर्श दम्पति वरिष्ठ साहित्यकार अनिल रतूड़ी एवं श्रीमती राधा रतूड़ी की साहित्यिक साधना को नमन करती हूँ। दो साल से हर माह पुस्तक चर्चा में भाग लेना बहुत सुखद होता है। आदरणीया राधा रतूड़ी का आतिथेय सदैव ही आत्मीयता से परिपूर्ण होता है।
कहानी संग्रह 'अब न नसैहो' की रचियता एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमति सरोजनी नौटियाल को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आज 'फुलवारी' मंच पर मुझे पुस्तक चर्चा में प्रतिभाग करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं आदरणीय रतूड़ी मैम तथा सर का हृदयतल से आभार व्यक्त करती हूँ। आपने मुझे स्नेहपूर्वक फुलवारी में आमंत्रित करके पुस्तक चर्चा के योग्य समझा तथा अपना स्नेहाशीष दिया। उन्होंने पुस्तक चर्चा में प्रतिभागी विद्वानों तथा अपनी उपस्थिति से गरिमा प्रदान कर रहे सभी प्रबुद्धजन का भी हार्दिक आभार । कविता बिष्ट 'नेह'