घर-घर मंगल दीप सजे - कालिका प्रसाद
Jan 24, 2024, 20:36 IST
घर-घर मंगल दीप सजे है,
तोरन बंदनवार लगे है।
आ गये श्री राम लला जी,
प्रभु करते है सबका भला।
आज उमंगित हैं नर-नारी,
सजी हुई है धरती सारी।
गीत मनोहर मिलकर गाते,
खुश हो सब आनंद मनाते।
मना रहें सब लोग दिवाली,
घर-घर आई है खुशहाली।
अवधपुरी की छटा निराली,
मिटी तमस की रातें काली।
सदियों बाद घड़ी शुभ आई,
अवसर है यह अति सुखदाई।
गूॅंज रहा प्रभु का जयकारा,
झूम रहा है यह जग सारा।
बैठेंगे अब प्रभु निज आसन,
करें सभी उनका आराधन।
पुलकित है अब धरती माता,
पाकर अपने भाग्य विधाता।
सबके प्रिय हैं रघुवर प्यारे,
दीन दुखी के वही सहारे।
बेर वही शबरी के खाए,
गुह निषाद को गले लगाए।
भारत का हर कण-कण चंदन,
करता रघुवर का अभिनंदन।
हम प्रभु राम के गुणगान करे,
घर-घर मंगल दीप सजे है।
- कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखण्ड