ग़ज़ल - कविता बिष्ट
May 27, 2024, 21:43 IST
दोस्ती तुम नवाब से कर लो।
दूरियां सब शराब से कर लो।।
ज़िंदगी को कभी सजाया कर।
आरती नित गुलाब से कर लो।।
सादगी से बिता दिया जीवन।
आशिक़ी गर शबाब से कर लो।।
मौसमी रंग उड़ गया देखो।
आओ अब प्यार आब से कर लो।।
रौशनी से भरी रहें राहें।
'नेह' नेकी जनाब से कर लो।।
~कविता बिष्ट 'नेह' , देहरादून