गजल. - रीता गुलाटी
Aug 22, 2023, 22:20 IST
अभी यार जज्बां सिसकने लगे हैं,
हुआ क्या है डर कर सम्भलने लगे है।
अकड़ वो दिखाते,रहे दूर हमसे,
करे आज नखरा वो हँसने लगे हैं।
गये छोड़ हमको अकेले कहाँ पर,
रहे क्यो अकेले झगड़ने लगे हैं।
मिला प्यार उनका हमें भी बहुत सा,
मुहब्बत में उनकी सँवरने लगे हैं।
अभी इश्क में वो उतरे कहाँ थे,
अरे इश्क मे वो मचलने लगे हैं।
घटा छा गयी नभ मे देखो जरा तुम,
छुपे है जो बादल भटकने लगे है।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़