ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Apr 29, 2024, 22:28 IST
आज करती दुआ मैं सभी के लिये,
जान दूँगी सदा दोस्ती के लिये।
नभ में तारे खिलें थे बड़े आज तो,
चाँद बैचैन था चाँदनी के लिये।
जिंदगी यार तुमको मिली प्यार की,
जी,जरा यार तू हर खुशी के लिये।
शोहरत गर तुम्हे जग की दिल से मिले,
काम आना जगत मे किसी के लिये।
भूल जा तू अजीयत जमाने की ऋतु,
देख आँखो मे सपने सदी के लिये।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़