ग़ज़ल - ऋतु गुलाटी
May 2, 2023, 20:23 IST
हर घड़ी राह मे जुल्मों को गिनें है मैने।
जुल्म तेरे भी फकत खूब सहे हैं मैने।
मौन रहकर भी कही बात अजी हमने भी।
गीत मजदूर किसानों पे लिखे है मैने।
रात दिन काम करे भूल जमाने को वो।
फिर भी भूखे हैं जमाने में सुने है मैने।
दिल मेरा हाजिर तेरे घर आने को।
प्यार के जाम कई यार पिये हैं मैने।
भूल बैठे है जमाने मे अदब को अब तो।
दर्द कैसे वो जानेगें जो सहे हैं मैने।
ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली, पंजाब