हिंदी बने देश की राष्ट्रभाषा - डा० विजयानंद 

 

utkarshexpress.com - प्रतिष्ठानपुर (प्रयागराज) -  वैश्विक हिंदी महासभा अखिल भारतीय हिंदी परिषद तथा भारतीय संस्कृति एवं साहित्य संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में संजीवनी सेवालय, प्रतिष्ठानपुर (झूसी) प्रयागराज के सभाकक्ष में राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं साहित्यकार डॉ०विजयानन्द की अध्यक्षता, प्रोफेसर गिरींद्र सिंह तोमर जी के मुख्य आतिथ्य, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ० शंभूनाथ त्रिपाठी अंशुल के कुशल संचालन में हिंदी पखवाड़े पर विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ।

स्वागताध्यक्ष चर्चित कवि डॉ०अरविंद कुमार श्रीवास्तव  की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि आयुर्वेदाचार्य  प्रो० गिरीन्द्र सिंह तोमर ने कहा - जो भी भाषा हो, अगर उसका शुद्ध उच्चारण करना है तो हिंदी की देवनागरी में ही करना होगा। अध्यक्ष डॉ० विजयानन्द ने कहा कि अंग्रेजी भाषा की गुलामी से भी स्वतंत्र होने का समय आ गया है, हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों से मुक्ति के लिए बलिदान दिया, हमें अंग्रेजी से मुक्ति के लिए बलिदान देना होगा। डॉ०अंशुल ने बताया कि भारत सरकार को संविधान के त्रिभाषा सूत्र को अब लागू कर देना चाहिए, जिससे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ डॉक्टर अंबेडकर का भी सम्मान बढ़ेगा। डा० नीलिमा मिश्रा ने कहा-‘हिंदी हमारी मातृभाषा भारत मां की बिंदी है’उसका सम्मान होना चाहिए।
कार्यक्रम में सर्वश्री गंगा प्रसाद त्रिपाठी, चंद्रपाल शेखर, पं० राकेश मालवीय मुस्कान, डॉ० हजारीलाल मौर्य, अभिषेक कुमार केसरवानी रवि ,निखिलेश मालवीय, डॉ०वीरेंद्र कुमार तिवारी, डॉ०इंदु जौनपुरी, संतोष कुमार सिंह, आशीष सिंह,  मुकेश मिश्रा, रामकुमार यादव, रेखा देवी आदि ने  हिंदी को राष्ट्रभाषा, विश्वभाषा बनवाने पर अपने विचार रखे और सभी कवियों ने हिंदी पर ही अपनी कविताओं को प्रस्तुत किया। पूरा सभागार बारम्बार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। आभार ज्ञापन राष्ट्रीय चिकित्सा सलाहकार डॉ०अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने किया।