तू और याद आता रहा मुझे - राजू उपाध्याय

 

यह बावला 
दिल तो मान 
गया लेकिन,
दिमाग उलझाता 
रहा मुझे...!

अजब बात
हुई सजदे में,
तू ही तू 
नजर आता 
रहा मुझे...!

हर मुमकिन
मश्क्कत की ,
जब हमने 
तुझे भूल जाने 
की मगर,

जितनी 
की तदबीरें 
बचने की,
तू और याद 
आता रहा मुझे...।
- राजू उपाध्याय, एटा , उत्तर प्रदेश