जल की महत्ता - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

 

जल जीवन है,
जल संबल है,
जल सबका आधार।

जल परिवर्तन, 
जल घर आँगन,
जल की शक्ति अपार।

कल कल करता,
निर्मल बहता,
जल से ही संसार।

कूप बावड़ी,
ताल सरोवर,
निर्मल नदिया धार।

जीवन दाता
गहरा नाता
कृषि का करे सुधार

उपवन महकें
तरुवर दमकें
सुरभित करे बयार

नभ से बरसे,
तन-मन हरषे,
शीतल लगे फुहार।

वारिद गरजें,
दामिनि कड़कें,
छेड़ें मन के तार।

जल का अर्पण,
जल से तर्पण,
जल करता उद्धार।
-प्रवीण त्रिपाठी
नोएडा/उन्नाव
उत्तर प्रदेश